बहुत दिन हुए ब्लॉग लिखे। लगभग पांच साल। तब लिखना आसान नहीं था। कितना कठिन था यह भी नहीं कह सकता। हाँ इतना याद है की कृतिदेव में टाइप करो , फिर मंगल में कन्वर्ट करो, कट करो पेस्ट करो और पोस्ट करो। अब तो काफी कुछ बदल गया है. नयी चीजों को समझने में थोड़ा समय लगेगा.
पिछली पोस्ट पुण्य प्रसून जी के वाल से थी। एक पार्टी बन रही थी. एक सपना बना जा रहा था। परिवर्तन की उम्मीद जगी थी। वह बात आयी गयी हो गयी।
उसके बाद दूसरी लहर है भी आयी। चर्चा उसके उतर की चलने लगी है. सबकुछ कितना जल्दी बदल रहा है। मानो कोई आने से पहले ही जाने की बात कर रहा हो.
पता नहीं इस खड़ी पायी यानी पूर्ण विराम को क्या हो रहा है। कभी फुलस्टॉप हो जा रही है कभी अपने स्वरुप में दिख रही है. देखना होगा।
पिछली पोस्ट पुण्य प्रसून जी के वाल से थी। एक पार्टी बन रही थी. एक सपना बना जा रहा था। परिवर्तन की उम्मीद जगी थी। वह बात आयी गयी हो गयी।
उसके बाद दूसरी लहर है भी आयी। चर्चा उसके उतर की चलने लगी है. सबकुछ कितना जल्दी बदल रहा है। मानो कोई आने से पहले ही जाने की बात कर रहा हो.
पता नहीं इस खड़ी पायी यानी पूर्ण विराम को क्या हो रहा है। कभी फुलस्टॉप हो जा रही है कभी अपने स्वरुप में दिख रही है. देखना होगा।
bahut khub
ReplyDeletehttp://www.historypedia.in/nteresting-facts/puran-in-hindi-all-18-purans-in-hindi/
Nice content
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